बेलगाम होते इंसान
दयाशंकर सिंह के गुनाह का बदला हमारे समाज ने निर्दोष ​स्वाति सिंह से लिया। अभी बामुश्किल इस वाक्ये के 6 महीने बीते होंगे। अब दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा गुरमेहर कौर भी बेलगाम इंसानों के निशाने पर है। इस अतिवादी समाज ने उसका भी जीना मुश्किल कर दिया है। महज 20 साल की गुरमेहर कौर ने फेसबुक पर एक पोस्ट क्या कर दिया जैसे भूचाल आ गया। बचपन से लेकर बुड़ापे तक जीवन में हमसे हजार गलतियां होती हैं पर हमारे गार्जियन हमारी हर गलती को माफ कर देते हैं और हमे समझाते हैं यही हमारी संस्कृति है।  अगर एक 20 साल की बेटी से कोई गलती हो भी जाती है तो क्या हमारा हक नहीं बनता की हम उसे समझाए। यह अतिवादी समाज फिर वही गलतियां दोहरा रहा है, शायद अब हमारे अंदर इतनी भी सहनशीलता नहीं बची की हम किसी को माफ भी कर सकें। अब तो हम जरा जरा सी बात पर तलवारे निकाल लेते हैं मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। क्या यही हमारी संस्कृति है। फेसबुक पर गुरमेहर का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है इसमे गुरमेहर एक गाड़ी में बैठी है गाड़ी चल रही है और उसमें एक गाने पर वह झूम रही हैं। जिस किसी ने सोशल साइड पर यह वीडियो वायरल किया है उसमें लिखा है कि ''ये जेएनयू की गुरमेहर का असली रूप है जो आजकल अपने पिताजी की शहादत का हिसाब मांग रही हैं।'' अब सवाल यह उठता है कि क्या एक शहीद की बेटी नाच नहीं सकती वह अपने दोस्तो के साथ घूम नहीं सकती । क्या उसे गम से निकलने का कोई हक नहीं। लेकिन आज गुरमेहर पर वो लोग उंगलियां उठा रहे हैं जिन्होंने आज तक देश के लिए मर मरने वालों की याद में एक मोमबत्ती तक नहीं जलाई होगी। बड़ा दुख होता है यह देखकर, न जाने हम कैसा भारत बना रहे हैं...
-Suyash Mishra

टिप्पणियाँ