पति पीड़ा को कब समझेंगी देश की ये नारियां

बढ़ती मंहगाई में परम्परा के नाम पर लुट रहे पतियों की दुर्दशा देख मेरे गरीब मित्र शर्मा जी बेबाक होकर अपनी श्रीमती जी से बोल उठे... अजी सुनती हो चुन्नू की अम्मा अबकी बार करवाचौथ का वृत न रखियो.. कसम गणेश भगवान की बिना वृत के ही मैं तुम्हें अखण्ड सौभाग्यवती होने का वरदान दे दूंगा...। चुन्नू की अम्मा—चलों जी थैंकू वैसे भी अब वृत—वृत हमसे नहीं रहा जाता...ऐसा करौ आप वू जो जोद्धा अकबर में जोद्धा है न उसके जैसन एक हार कुमकुम भाग्य में दादी के जैसन 4 ठौ सूट, 2—3 साड़ी, पांन—छ मेल की लाली, छ:सात मेल की नेमपालिस,2—3 टाइप बिन्दी साथ मां एक छ: नम्बर की जूती जरूर लई लेहेव उ सब नवा—नवा होय चाही वाहव ब्रांडेड ताकि सब मेहरारून के बीच जब हम जाई तौ बरते कस तो लागी....ठीक है न...औ हां कहीं खाय पियै का प्रबंध कई लेहेव आज कुछ चोला सिथिल लागत है....

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