neta ji mst janta trast
   गरीबी में अक्सर ये कहावत सुनने को मिलती थी कि ''कुछ भी हो दाल रोटी चल जायेगी'' एक गरीब पिता इसी कहावत को सुना सुनाकर अपनी बेटी का ब्याह कर देता था...पर आज मंहगाई की मार में यह कहावत झूठी हो गई है..लोकसभा चुनाव में हर—हर मोदी के गूंजते नारें अब 'अरहर मोदी' में तबदील हो गये हैं...एक गरीब मजदूर अपने दिनभर के खून पसीने की कमाई से भी घर में बच्चों को दो जून की दाल नहीं खिला सकता यह है महंगाई का आलम..

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