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बुलंदशहर की महविश के लिये नासूर बनी लव मैरेज
Written by: Suyash Mishra
Published: Tuesday, October 15, 2013, 13:30 [IST]
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लखनऊ (सुयश मिश्रा)। देश के विभिन्न राज्यों में आज भी कला और संस्कृत के
रंग बिरंगे पर्दों के पीछे खाप पंचायतों की शक्ल में क्रूर कितयां कार्यरत
हैं। ग्रामीण इलाकों में सक्रिय ये पंचायतें अपनी झूठी शान-ओ-शौकत की खातिर
किसी को भी मौत का फरमान सुनाने में भी गुरेज़ नहीं करतीं। बात जब सम्मान
पर आती है तो इंसानियत व मानवता का इनके लिए कोर्इ मोल नहीं रहता। इन्हीं
पंचायतों की शिकार हुर्इ उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रहने वाली महविश।
भारतीय जनवादी महिला समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में लखनऊ आर्इ महविश
ने मंच पर पहुंच कर जब अपना दर्द सुनाया तो सभी की आखों में आंसू आ गए।
प्रेम विवाह करने की इतनी बड़ी सज़ा उसे मिली जो ताउम्र उसके लिए नासूर बन
गर्इ है।
कहानी शुरू होती है बुलन्दशहर के अड़ौली गांव से जहां अक्टूबर 2010 को
अब्दुल हकीम को महविश नाम की युवती से प्रेम हो गया। युवती एक ओझा थी पर
अब्दुल फकीर विरादरी से था। दोनों ने भागकर कोर्ट में शादी कर ली और दिल्ली
में रहने लगे। पर महविश के घर वालों को यह रास नहीं आया और अगले ही दिन
खाप पंचायत बुलार्इ गर्इ। पंचायत ने अपना तालिबानी फरमान सुनाते हुए अब्दुल
को मौत की सज़ा मुकररर कर दी। साथ ही यह घोषणा भी कर दी कि जो भी उसे
मारेगा उसे 6 हजार का इनाम दिया जायेगा। हकीम पर अपहरण का केस भी दायर करा
दिया गया।
आमिर खान के चर्चित शो सत्यमेव जयते में अब्दुल और महविश प्रेम विवाह और
खाप पंचायत विषय पर आयोजित कार्यक्रम में नज़र आये थे। उसके बाद से वे वापस
बुलन्दशहर आकर रह रहे थे। पर उनकी मुसीबतें अभी थमी न थी महविश के घर वाले
उसके घर में गुंडे भेजते उसे धमकाते थे। पर सरकारी सुरक्षा व्यवस्था होने
के कारण वे भाग जाते थे। महविश के अनुसार 22 नवम्बर 2012 को हकीम दवार्इ
लेने के लिए बाजार गया था।
तभी उसे पांच लोगों ने गोलियों से छलनी कर दिया और उस नृशंस हत्याकाण्ड में
महविश ने अपना सबकुछ गवा दिया। आज भी वह समस्याओं से गुज़र रही है।
पंचायतों ने उसे व उसके परिवार वालों को गांव छोड़ने का आदेश ज़ारी कर दिया
है। पर पुलिस का लचर रवैया आज भी कायम है। उसकी माने तो मौत का भय बना
रहता है। घर से बाहर निकलना मुशिकल हो गया है।
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प्रश्न 1
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Read more at: http://hindi.oneindia.in/news/features/horrific-tale-of-honour-killing-in-bulandshahr-267893.html
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